Call us at 8130594141 to schedule an appointment
Call us at 8130594141 to schedule an appointment

Blogs

Dr. Shibangi Das BAMS, MD, PFCP (MUHS), DEMS Ayurvedacharya, D. S. Research Centre, Kolkata. JUN 21. 3 years ago

योग ले जाता है ऊँचाइयों की ओर


छठवां अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस ‘घर पर योग’ और ‘परिवार के साथ योग’ के रूप में मनाया जा रहा है। विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 और कैन्सर रोगियों की कुशलता को ध्यान में रखते हुए योग पर चर्चा की आवश्यकता अधिक महत्वपूर्ण है।

योग-सूत्र के रचयिता पतंजलि द्वारा रचित ‘योगस्थानत्वरित्रिरोधा’ का तात्पर्य है कि नियमित रूप से योग करने से मस्तिष्क पर नियंत्रण, निराशा की अनुभूति, क्रोध, अवसाद, घृणा आदि पर नियंत्रण करना बहुत ही कठिन होता है पर योग जरिए दिमाग को शान्त और प्रसन्नचित्त रखा जा सकता है। इससे मस्तिष्क शान्त और स्थिर बना रहता है। योगर्षि पतंजलि का विश्वास था कि मस्तिष्क के साथ ही शरीर का संचालन होता है। यदि मस्तिष्क में प्रसन्नता भरी है तो शरीर भी स्वस्थ रहता है। आसनों के नियमित अभ्यास से मस्तिष्क स्थिर रहता है और शरीर तथा उसके अंगों को शक्ति प्राप्त होती रहती है।

योग के सभी प्रकार के आसन शरीर के लिए लाभदायक हैं परन्तु लेकिन कुछ आसन ऐसे हैं जो शरीर के लिए अति महत्वपूर्ण हैं और इनका नियमित अभ्यास करना चाहिए। योग गुरु सलाह देते हैं कि शरीर को स्वस्थ बनाये रखने के लिए अन्य आसनों के साथ तीन प्रकार के प्राणायाम ‘अनुलोम-कुम्भक-विलोम’ के अभ्यास जरूरी होते हैं। इनसे नाड़ी-शोधन और जठराग्नि की सक्रियता को सुधारने में सफलता मिलती है जिससे हमारे चयोपचय का संतुलन भी बना रहता है। 

योग से कैन्सर रोगियों को लाभ कैसे मिलता है-

योग पर शोध करने वाले कई शोधार्थियों ने अनुभव किया कि योग से शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक कुशलता में बढ़ोत्तरी होती है और कैन्सर रोगी उस मानसिक शान्ति को प्राप्त करने में भी सफल होते हैं जो उनके लिए लाभप्रद होती है। कैन्सर रोगी भी योग, प्राणायाम और औषधीकरण से तनाव को कम करके बीमारी से उबरते हुए उत्तम जीवन शैली को प्राप्त कर सकते हैं। कैंसर के कारण उत्पन्न ट्यूमर और अन्य लक्षणों से कैन्सर रोगी तनाव में आ सकते हैं इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण होता है कि ऐसे लोगों को तनावमुक्त करने का प्रयास किया जाय। शोध से पता चला है कि योग मानसिक और शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाकर थकान और कमजोरी को दूर करने में सहायक होता है।

योग से जानलेवा बीमारियों के कारण निराशा से जूझ रहे लोगों को परिथितियों को समझकर मन को शान्त करने में सफलता मिलती है। हर तरह की मांसपेशियों, नाड़ियों और ग्रन्थियों को स्वस्थ बनाये रखने के लिए अलग-अलग आसन और मुद्राएं निर्धारित की गयी हैं। आसन की भावभंगिमाओं से शरीर के जोड़ों और अंगों को स्वस्थ रखना आसान होता है। योग से प्राप्त ऊर्जा पूरे शरीर में प्रवाहित होने लगती है और रोगी को अपने भीतर एक बदलाव और खुशी की अनुभूति होने लगती है। स्वास्थ्यवर्धक भावभंगिमा, सर्वासन, प्राणायाम और औषधीकरण (ध्यान) से मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है और तनावमुक्त होने के बाद निद्रा खूब अच्छी तरह आती है। कैन्सर रोगियों पर योग के प्रभाव विषय पर शोधार्थियों ने पाया कि किमोथेरापी लेने के बाद दुष्प्रभाव में कमी आयी, उल्टियों में भी कमी आयी, अनिश्चितता की स्थिति में सुधार हुआ, भोजन में रुचि बढ़ गयी, अवसाद की स्थिति भी पहले से बेहतर हो गयी, रोगों के लक्षण में भी सुधार पाया गया। एक अन्य अध्ययन से यह पता चला कि कैन्सर रोगी को दर्द की भयानकता में भी बहुत कमी महसूस हुई, तनावमुक्त होने से ऊर्जा का अनुभव होने लगा, और इन तमाम बातों से कैन्सर रोगी को स्वस्थ और सामान्य होने तथा जीवनशैली में सुधार होने के अवसर बढ़ गए।

योग व्यक्तिगत सोच, स्वास्थ्य और कुशलता को बढ़ाने में सहायक होता है। मस्तिष्क, शरीर और आत्मा के केन्द्रीयकरण से लाभ पहुँचता है-ऐसा स्वास्थ्य विशेषज्ञों, स्वास्थ्य शिक्षकों और कैन्सर रोगियों के हित के लिए काम करने वाले लोगों का भी मानना है।



योग ले जाता है ऊँचाइयों की ओर

2596 views

Recent Posts

Request an appointment

CANCEL

This form is confidential and secure, and should take less than
5 minutes
to complete.

We value your privacy and will not share your email to any third party. This will be used as a secondary method of contact only.